31 जुलाई 2020 को वरलक्ष्मी का व्रत है। सावन के अंतिम शुक्रवार को वरलक्ष्मी का व्रत होता है। |
वरलक्ष्मी व्रत 2020:
हिन्दी पंचांग के अनुसार, आज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि और दिन शुक्रवार है। 31 जुलाई 2020 को वरलक्ष्मी का व्रत है। सावन के अंतिम शुक्रवार को वरलक्ष्मी का व्रत होता है।
वरलक्ष्मी व्रत पूजा का मुहूर्त
वरलक्ष्मी पूजा के लिए हम आपको चार लग्न की पूजा का मुहूर्त बता रहे हैं।सिंह: सुबह 06 बजकर 59 मिनट से दिन में 09 बजकर 17 मिनट तक।
वृश्चिक: दोपहर के समय 01 बजकर 53 मिनट से दिन में 04 बजकर 11 मिनट तक।
कुम्भ: शाम के समय 07 बजकर 57 मिनट से रात में 09 बजकर 25 मिनट तक।
वृषभ: देर रात 12 बजकर 25 मिनट से 01 अगस्त के तड़के 02 बजकर 21 मिनट तक।
वरलक्ष्मी व्रत का पंचांग
सूर्योदय काल: सुबह 05 बजकर 42 मिनट पर और सूर्यास्त शाम को 07 बजकर 13 मिनट पर।
चांद के उदय का समय: शाम को 04 बजकर 36 मिनट पर और चांद के अस्त होने का समय 01 अगस्त को तड़के 03 बजकर 09 मिनट पर।
अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12 बजे से दोपहर में 12 बजकर 54 मिनट तक।
वरलक्ष्मी व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, वरलक्ष्मी व्रत का महत्व दीपावली की पूजा के समान होता है तथा इस दिन माता वरलक्ष्मी और विघ्नहर्ता श्री गणेश की आराधना से कल्याण होता है। माता वरलक्ष्मी दरिद्रता का नाश करती हैं और गणपति कार्यों को सफल बनाते हैं।
सावन के अंतिम शुक्रवार को वरलक्ष्मी का व्रत होता है। जानें वरलक्ष्मी व्रत पूजा का मुहूर्त, वरलक्ष्मी पूजा विधि समय एवं महत्व
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