सूर्या फाउंडेशन, लखनऊ के सहयोग से मिडलैंड हेल्थकेयर एंड रिसर्च सेंटर के तत्वावधान में चिकित्सकों का 15वां रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर अपडेट 2023 सम्मेलन आयोजित

सूर्या फाउंडेशन, लखनऊ के सहयोग से मिडलैंड हेल्थकेयर एंड रिसर्च सेंटर के तत्वावधान में चिकित्सकों का 15वां रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर अपडेट 2023 सम्मेलन आयोजितलखनऊ। सूर्या फाउंडेशन, लखनऊ के सहयोग से मिडलैंड हेल्थकेयर एंड रिसर्च सेंटर के तत्वावधान में 17 दिसंबर 2023 को होटल ताज, गोमती नगर, लखनऊ में चिकित्सकों का एक सम्मेलन 15वां रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर अपडेट 2023 आयोजित किया गया जिसके मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मन्त्री व उप मुख्यमंत्री माननीय बृजेश पाठक उपस्थित रहे । 15वें रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर अपडेट 2023 के आयोजन सचिव डॉ बी पी सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि चेस्ट से संम्बधित गंभीर बीमारियां जैसे सी.ओ.पी.डी, अस्थमा, आईलडी, फेफड़ो का कैंसर, टी०बी 0 और अन्य जैसे रोग तेजी से फैलते और चुनौतीपूर्ण होते जा रहे है, जिससे इन रोगों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए नई विधाओं की आवश्यकता होती है। वहीं उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने अपने उद्बोधन में कहा कि पूरे विश्व में रोग के बढते आकड़ो की रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर सभी क्रोनिक फेफड़ों की बीमारी के मामलों में से 15.69% भारत में है और कुल श्वसन रोग से होने वाली मौतों में से 30 25% भारत में है। रिपोर्ट आगे बताती है कि भारत में श्वसन संबंधी मामलों की संख्या संभावित रूप से सी.ओ.पी.डी. और आस्थमा क्रमशः - 55.23 मिलियन और 35 मिलियन है, जिसमें सी.ओ.पी.डी. नंबर - 2 मौत का कारण है। भारत के कुछ वर्षो में ही रेस्पिरेटरी जनित बीमारीयों में विश्व में नंबर एक पर आने की पूरी संभावना होती दिख रही है।अन्य कारण जैसे तंबाकू का उपयोग और देश में निरंतर खतरनाक प्रदूषण के स्तर के साथ-साथ बायोमास और अन्य पर्यावरणीय जोखिम के रूप में अन्य प्रदूषक जोखिम ने श्वसन रोगों के बोझ को कम करने की चुनौती को और बढ़ा दिया गया है। कोविड–19 ने श्वसन रोग के प्रकोप से निपटने के लिए मजबूत बुनियाद ढांचे की सख्त आवश्यकता है। कार्यक्रम को भारत भर से पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन के क्षेत्र में प्रमुख राय नेता जैसे प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया पूर्व निदेशक और एचओडी एम्स, दिल्ली, डॉ. प्रह्लाद प्रभुदेसाई लीलावती अस्पताल, मुंबई, डॉ. राजा धर सीएमआरआई, कोलकाता, डॉ. अंकित शर्मा जीबी पंत इंस्टीट्यूट ऑफ पीजीएमईआर, नई दिल्ली, डॉ. अमिता नेने बॉम्बे हॉस्पिटल, मुंबई और क्षेत्र के अन्य दिग्गज। फेफड़े के प्रत्यारोपण, फाइब्रोटिक आईएलडी, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, आईसीयू में एमडीआर बग, एआरडीएस और आईसीयू में पीई जैसे श्वसन संबंधी विकारों के बारे में अपनी राय साझा किया। इस संगोष्ठी में लगभग भाग लेंगे। इस सम्मेलन का उद्देश्य परिणाम में सुधार लाने के उद्देश्य से पल्मोनरी विशेषज्ञों, चिकित्सकों द्वारा पल्मोनोलॉजी के विभिन्न मुद्दों को प्रबंधित करना आसान बनाना है। कार्यक्रम में डॉ. एस.के. कटियार,डॉ राजेंद्र प्रसाद,डॉ बी पी सिंह,डॉ. अपूर्वा सिंह, डॉ. अमित पांडे,डॉ. सूर्यकांत,डॉ. पी.के सहगल, डॉ. प्रवीण सिंह, डॉ राघवेंद्र, डॉ. दिवाकर दलेला,डॉ. ए के सिंह, डॉ. उर्मिला सिंह,डॉ. डी.के. बटेजा, डॉ. डी.आर. पनयवानी, डॉ. ए.के. जोशी,डॉ अनुपम जयसवाल, डॉ आशुतोष पांडे, डॉ अशोक के सिंह,डॉ ज्ञानेंद्र शुक्ल, डॉ अक्षय सिंह,डॉ. ब्रिजेश पाठक, डॉ. डी.बी. सिंह, डॉ.सुनील पान्डेय,व राष्ट्रीय श्रमजीवी पत्रकार एशोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमित शुक्ला, प्रदेश सचिव विमल सिंह, जिला अध्यक्ष बलिया चन्द्र शेखर रॉय, मौजूद रहे।

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