ग़ज़ल
तुमसे आने को कहा भी किसने था
दिल दुखाने को कहा भी किसने था
प्यार के अंजाम से वाकिफ़ थे गर
आज़माने को कहा भी किसने था
मुफ़्त की रोटी अगर थी मिल रही
तो कमाने को कहा भी किसने था
सर कटा देते बदी के सामने
सर झुकाने को कहा भी किसने था
सबसे मीठी है मोहब्बत की ज़ुबाँ
काट खाने को कहा भी किसने था
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