राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत हुई कार्यशाला

 तंबाकू के सेवन से कैंसर, टीबी और दमा जैसी बीमारियां होती हैं 


सीतापुर, 9 फरवरी। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत सीएमओ कार्यालय में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता एसीएमओ व कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. उदय प्रताप ने की। 

इस मौके पर उन्होंने बताया कि देश में हर साल करीब नौ  लाख भारतीय तंबाकू के सेवन से असमय मौत के मुंह में समा जाते हैं, यह आंकड़ा टीबी, एड्स और मलेरिया से होने वाली मौतों से अधिक है। इनमें से भी लगभग 95 प्रतिशत तंबाकू सेवन करने वाले (मुख कैंसर) होते हैं। नियमित धूम्रपान और तंबाकू के सेवन से कैंसर, दमा और टीबी के साथ ही अन्य कई संक्रमण हो जाते हैं । महिलाओं  में प्रजनन क्षमता में कमी, गर्भपात, जन्म के समय शिशु का कम वजन,  मृत बच्चे का जन्म, गर्भाशय कैंसर आदि रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। 

कार्यशाला में तंबाकू नियंत्रण अधिनियम 2003  (कोटपा) की जानकारी व इसके पालन पर जोर देते हुए एसीएमओ ने बताया कि तंबाकू नियंत्रण अधिनियम 2003 के अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना अपराध है, इसका उल्लंघन  करने पर 200 रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। इसके साथ ही 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को व 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति  द्वारा तंबाकू उत्पाद बेचना प्रतिबन्धित है। शिक्षा संस्थानों के 100 गज की परिधि में तंबाकू बेचना प्रतिबंधित है। तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला समन्वयक  शिवम गुप्ता ने बताया कि ई-सिगरेट भी स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सरकार द्वारा ई-सिगरेट को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस मौके पर आमजन से अपील भी कि गई कि वह तंबाकू का सेवन बंद कर दें। कार्यक्रम में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयराम गौतम, डॉ. अखिलेश कुमार, डॉ. राजशेखर, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी राज कुमार सहित अन्य कई चिकित्सक व एएनएम मौजूद रहीं।

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