डॉयल 112 की तर्ज पर अब हॉट स्पॉट पर खड़ी हो रहीं एम्बुलेंस

  

- घटनास्थल पर रिस्पांस टाइम बेहतर करने के लिए की गई व्यवस्थ


सीतापुर, 6 फरवरी । डॉयल 112 की तरह अब 108 और 102 एम्बुलेंस भी  चिन्हित हॉट स्पॉट पर खड़ी हो रही हैं। यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि पीड़ित व्यक्ति को अतिशीघ्र स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाकर समय से उपचार दिलाया जा सके। जिले में कुल 97 एम्बुलेंस हैं। इनमें से 102 की 46 एम्बुलेंस हैं, जो कि गर्भवती को अस्पताल तथा अस्पताल से घर पहुंचाती हैं । इसके अलावा 108 की 47 एम्बुलेंस हैं, जो कि आपातकालीन दुर्घटनाओं तथा किसी व्यक्ति को त्वरित चिकित्सा के लिए अस्पताल ले आती हैं। जिले में चार एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) भी हैं। यह एम्बुलेंस गंभीर मरीजों अथवा घायलों को लखनऊ या किसी अन्य उच्च स्वास्थ्य इकाई पर इलाज के लिए ले जाती हैं। पहले एम्बुलेंस निकट के अस्पतालों में खड़ी रहती थीं। जब कहीं से कोई काल आती थी तो वह  वहां से उस स्थान के लिए जाती थीं। इसमें काफी समय लगता था। लेकिन अब यह  एम्बुलेंस चिन्हित हॉट स्पाट पर खड़ी हो रही हैं,  जिससे कि फोन काल आते ही वह तुरन्त ही मौके पर पहुंच जाएं तथा घायल को अस्पताल ले जाकर उसे चिकित्सा सुविधा प्रदान कर सकें। अभी इस दिशा में केवल जनपद के हाईवे और प्रमुख कस्बों में ही हॉट स्पॉट चिन्हित किए गए हैं। फोन काल आने के बाद यह मरीज को स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाती हैं और वापस आकर पुन: उसी स्थान पर आकर खड़ी हो जाती हैं। 

यह हॉट स्पाट हुए चिन्हित --- 

एम्बुलेंस सेवा के जिला कार्यक्रम प्रबंधक अविनाश पांडेय ने बताया कि जिला मुख्यालय पर लालबाग चौराहा, जीआईसी चौराहा, आंख अस्पताल, रोडवेज बस अड्डा, हरदोई चुंगी और पुलिस लाइन हॉट स्पॉट चिन्हित किए गए हैं। इसके अलावा जीटी रोड पर अटरिया, सिधौली, कमलापुर, जलालपुर, खैराबाद-मछरेहटा चौराहा और महोली कस्बों में हाईवे पर हॉट स्पॉट बनाए गए हैं। इसके अलावा रामकोट, मिस्रिख, पिसावां, लहरपुर, महमूदाबाद, हरगांव आदि कस्बों में अब एम्बुलेंस को मुख्य मार्ग पर खड़े होने के लिए हॉट स्पॉट चिन्हित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी जगहों पर एम्बुलेंस खड़ी भी होने लगी है। 

त्वरित मिलेगी चिकित्सा सुविधा - सीएमओ 

सीएमओ डॉ. मधू गैरोला का कहना है कि इस नई व्यवस्था से घायलों को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में  आसानी रहेगी। इस व्यवस्था को अभी मुख्य मार्गों के लिए ही लागू किया गया है। यदि इसका रिस्पांस टाइम  बेहतर रहा तो यह व्यवस्था जिले के अन्य संपर्क मार्गों पर भी लागू की जाएगी। हमारा प्रयास एम्बुलेंस के रिस्पांस टाइम को कम करना है।

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