पत्रकारों की समस्याओं को लेकर शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मुलाकात होगी*

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यूपी श्रमजीवी पत्रकार एशोसिएशन शीघ्र ही मिलेगा मुख्यमंत्री से*

सीतापुर। यूपी श्रमजीवी पत्रकार एशोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशिकांत शुक्ला सीतापुर में पत्रकारों के साथ हो रहे उत्पीड़न व उन्हें लगातार मिल रही धमकियों को दृष्टिगत रखते हुए शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि जनपद में बेलगाम हुए भ्रष्टाचारी व उनकी सेवा में लगे प्रशासनिक अधिकारी की कलाई खोलने के लिए प्रशासन स्वयं बाध्य कर रहा है। अभी शीघ्र ही में महमूदाबाद, थानगांव,सकरन, मिश्रिख, संदना, बिसवां, लहरपुर, सिधौली,पिसावां और अब सीतापुर में माफियाओं द्वारा पत्रकार का उत्पीड़न तो फिर जिला प्रशासन कर क्या रहा है। सारी घटनाओं को ध्रतराष्ट की तरह देखने से कुछ नहीं होगा। अमल में लाना ही होगा। हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद पीएम और सीएम की तरफ से भी ऐलान आया था कि पत्रकारों से अभद्रता करने वालों पर 50,000 हजार का जुर्माना लगाया जाय तथा पत्रकारों से बदसलूकी करने पर 3 साल की जेल भी हो सकती है । पत्रकार को धमकाने वाले को 24 घंटे के अंदर जेल भेज दिया जाएगा पत्रकारों को धमकी के आरोप में गिरफ्तार लोगों को आसानी से जमानत नहीं मिलेगी। पत्रकारों को परेशानी होने पर तुरंत संपर्क कर सहायता प्रदान करें। पर इन आदेशों का जनपद में कितना अमल हो रहा है। यह कहने की बात नहीं है प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष द्वारा जारी मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के पत्र पर प्रशासनिक अधिकारी अमल करना सुनिश्चित करें अन्यथा यूपी श्रमजीवी पत्रकार एशोसिएशन अमल करवाने के लिए बाध्य होगी। हाल ही में पिसावा ब्लाक प्रमुख मिथलेश यादव व उनके गुर्गों ने आडिशन टाइम्स के प्रदेश प्रभारी आशीष शुक्ला घायल को समाचार प्रकाशन को लेकर जान से मारने की धमकी दे डाली। तथा फर्जी केश में फंसाने का कह डाला। सो मिथलेश जी मैं आपको बता देना चाहूंगा कि पत्रकारों को अपना कार्य करने दे और आप अपना काम करें। संस्था को आपने अपना कार्य करने के लिए विवश कर दिया है। मैं सभी पत्रकारों से कहना चाहूंगा कि वह निष्पक्ष पत्रकारिता करें। संस्था उसके साथ है। वह चाहे किसी संस्था से सम्बंध रखते हो या नहीं यदि वह सच्चे व ईमानदार पत्रकार हैं तो संस्था उनका साथ देगी। हां उन्हें भी सम्बैधानिक नियमों का पालन करना होगा। पत्रकारिता किसी अधिकारी पर रौब गांठने के लिए नहीं होती अपितु समाज को आयना दिखाने के लिए की जानी चाहिए। फिर भी यदि कोई हमारे पत्रकार भाईयों को नाजायज परेशान करेगा तो यूपी श्रमजीवी पत्रकार एशोसिएशन पीछे नहीं हटेगी और आर पार की लड़ाई लड़ेगी।

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